Minhaz Alam इंजीनियरिंग की पढ़ाई दिल्ली में पूरा करने के बाद वह बड़े कंपनी में काम कर रहे थे, उसे लगा कि हम तो आगे बढ़ गए हैं लेकिन हमारे पीछे गरीब भाई काफी परेशानी में है! उन्होंने फैसला लिया है कि अब मैं अपने लिए काम नहीं करूंगा अपने इलाके के गरीब जनता के लिए काम करुंगा!
मिनहाज आलम साहेब का जन्म स्थान सुधीर ग्रामीण क्षेत्र में है जिसका नाम मजगामा है जो बैसा प्रखंड के पूर्णिया जिले में है! आपको बता दूं कि बैसा प्रखंड शिक्षा के क्षेत्र में पूर्णिया जिले में सबसे पीछे हैं! गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने वहां पर एक स्कूल खोला जिसमें काफी बच्चे को उन्होंने शिक्षित किया !
अमौर बैसा वेलफेयर एसोसिएशन के नाम से एक संस्था का स्थापना की जिसमें गरीबों की सहायता से लेकर शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है !
इस साल जब बिहार में भयानक बाढ़ आया था उस समय मिनहाज आलम ने अपने क्षेत्र के लोगों को सबसे पहले सहायता पहुंचाया था! सहायता पहुंचाने का तरीका उसका अनोखा था!
बाढ़ में फंसे लोगों को कैसे निकाला जाए एवं सुरक्षित किया जाए उसके लिए उन्होंने लोगों को प्रशिक्षित किया! जरूरी दवाई एवं साफ पानी का उपाय किया ! इसको देखते हुए अन्य सामाजिक संगठनों ने उन्हें सहायता देना शुरु किया उसके बाद उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ लोगों के बीच में सहायता सामग्री वितरण करने का काम किया!
लोग इस बात से हैरान हो गए कि यह इंजीनियर साहेब इतने ईमानदारी से कैसे काम कर रहे हैं क्योंकि इससे पहले बिहार के किसी भी क्षेत्र में ऐसा कभी नहीं देखा गया था !
बिहार के इस महान बेटे को मैं सलाम करता हूं और आम लोगों से भी आह्वान करता हूं कि आप भी समाज के लिए कुछ ऐसा करें जो लोग आपको प्रेरणा में हमेशा याद रखें ! मिनहाज आलम के लिए सिर्फ उस इलाके के लोग शुक्रगुजार नहीं है बल्कि उन का तरीका पूरे बिहार के प्रेरणा का स्रोत है !
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